Header Ads

इस वजह से गौतम बुद्ध का विवाह जल्द ही करवा दिया गया | महात्मा बुद्ध की कहानी


इस वजह से गौतम बुद्ध का विवाह जल्द ही करवा दिया गया...
महात्मा बुद्ध की कहानी



राजा शुद्धोधन राजकुमार के लिए वैभव-विलास के जितने साधन जुटा रहे थे, उतने ही वे उससे विमुख होते जा रहे थे। एक दिन सिद्धार्थ का बालसखा बसंतक सिद्धार्थ से बोला, “राजकुमार ! आपके माता-पिता आपसे कितना प्रेम और स्नेह करते है। उन्होंने आपके लिए संसार में लगभग सभी सुख उपलब्ध करा दिए हैं।"

सिद्धार्थ बोले, "बसंतक'' संसार के सभी माता-पिता अपनी संतान से प्रेम और स्नेह करते हैं। जिनके माता-पिता की जितनी सामर्थ्य होती है, वे अपनी संतान को सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं, किंतु यहाँ पर एक गंभीर प्रश्न उठता है।" "वह क्या?"

"संसार में सभी लोग एक समान क्यों नहीं हैं? किसी के पास धन की मात्रा इतनी अधिक है कि वह इसे कहाँ खर्च करे, नहीं समझ पाता, जबकि दूसरी ओर किसी के पास इतना भी धन नहीं है कि दो रोटी जुटा सके, संसार में यह अन्याय क्यों, बसंतक?"

 बसंतक "यह तो विधाता की लीला है, राजकुमार। यह कहकर बसंतक तो मौन हो गया, किंतु राजकुमार सिद्धार्थ गहरे सोच में पड़ गए। राजकुमार सिद्धार्थ संसार के सभी वैभव-विलास के प्रति विरक्ति का भाव रखते थे, यह देखकर राजा शुद्धोधन चिंतित हो उठे। उन्हें असित ऋषि और राज ज्योतिषी की भविष्यवाणी याद आने लगी।

राजा शुद्धोधन को लगा कि राजकुमार सिद्धार्थ में सम्राट् की अपेक्षा संत के गुण अधिक हैं। कहीं वह राज्य का त्याग कर संन्यास ही न ग्रहण कर ले। यह सोचकर राजा चिंतित हो उठे।

अब राजा ने ऐसा कोई उपाय करने का निश्चय किया, जिससे सिद्धार्थ पूरी तरह सांसारिक हो सके। अतः इस विषय में उन्होंने रानी प्रजावती से भी गहन विचार-विमर्श किया।

कुछ समय पश्चात् रानी प्रजावती बोली, "महाराज! राजकुमार सिद्धार्थ को सामान्यतः वैभव-विलास की कोई भी सामग्री अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाई। अब अंतिम अस्त्र के रूप में केवल एक ही उपाय है।”

"कैसा अंतिम अस्त्र और कैसा उपाय महारानी ?" राजा शुद्धोधन उत्सुकता से बोले, "अपनी बात पूरी तरह से स्पष्ट करो। " "देव! अब राजकुमार युवा हो चुके हैं, यदि हम उनका किसी सुंदर

राजकुमारी से विवाह कर दें तो वह उसके सौंदर्य-पाश में जकड़ा जा सकता

है।"

"कदाचित् आपकी बात ठीक लगती है, महारानी। यदि हम राजकुमार का विवाह कर दें तो वह निश्चय ही विवाह बंधन में जकड़ा जा सकेगा।" " तब शीघ्र ही राजकुमार के विवाह हेतु स्वयंवर का आयोजन कीजिए,

महाराज।"

"हाँ अवश्य! हम ऐसा ही करेंगे?" कहते हुए राजा शुद्धोधन के मुखमंडल पर दृढता के भाव छा गए।

इस वजह से गौतम बुद्ध का विवाह जल्द ही करवा दिया गया ।

कोई टिप्पणी नहीं

Thanks for feedback

Blogger द्वारा संचालित.