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प्रभावी बनने के लिए अंत को ध्यान में रखकर काम शुरू करें। Inspirational Thoughts in hindi



सफल होने पर लोग अक्सर यह पाते है की उन्होंने जो
सफलताएं हासिल की है, वे खोखली है। उन्हें अचानक
एहसास होता है की ये सफलताएं उन्हें ऐसी चीजों की
कीमत पर मिली है, जो उनके लिए अधिक मूल्यवान थी।
हर व्यवसाय के लोग डॉक्टर, शिक्षक, अभिनेता, प्रतिष्ठा
या अधिक व्यवसायिक दक्षता हासिल करने के लिए
संघर्ष करते है। और अंत में पता चलता है की लक्ष्य
हासिल करने की प्रबल इच्छा ने उन्हें उन चीजों के प्रति
अंधा कर दिया था, जो दरअसल उनके लिए सबसे
ज्यादा महत्वपूर्ण थी और अब वे चीजे जा चुकी है।
जब हम वास्तव में यह जान लेते है की हमारे लिए कोन
सी चीजे सचमुच महत्वपूर्ण है और वही काम करते है
जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है, तो जीवन में बहुत बड़ा
फर्क पड़ता है।
अगर सीढ़ी सही दीवार से न टिकी हो, तो हमारा हर
कदम हमे ज्यादा तेजी से गलत जगह की ओर ले जाता
है। हो सकता है हम बहुत कार्य में कुशल हो, परंतु
सच्चे अर्थों में प्रभावकारी तभी होंगे, जब हम अंत को
ध्यान में रखकर शुरू करेंगे।
सभी चीजों की प्रथम रचना मानसिक होती है और 
दितीय रचना भौतिक होती है।
जैसे मकान बनाने के उदाहरण को देखते है,
पहली कील ठोकने से पहले ही आप मकान की योजना
पूरे विस्तार से बनाते है। अगर ऐसा न हो, तो दितीय
रचना यानी भौतिक निर्माण में परिवर्तन करना आपको
बहुत महंगा पड़ेगा।


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