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छोटी छोटी आदतें भी ला सकती है हमारे भीतर बड़ा बदलाव ।

जीवन में किसी निर्णायक क्षण के महत्व का आकलन बढ़ा 

चढ़कर करना और छोटे छोटे सुधारो को कम समझना बहुत 

आसान है।  हम यही  मानते है की बड़ी  सफलता में ज्यादा 

प्रयास जरूरी है।  भले ही वह वजन  घटाने का  मामला हो, 

कारोबार बढ़ाना हो,  पुस्तक लिखना हो,  चैम्पियन जितना 

या किसी मकसत को प्राप्त करना हो। हम अपने आप पर 

इसके लिए दबाव डालते है। लेकिन इनके बीच कोई छोटा 

सुधार भी ऐसा हो सकता है,  जिस पर भले ही कोई ध्यान 

तक नहीं देता हो,  लेकिन जो लम्बे  समय के लिए बहुत 

अर्थपूर्ण हो सकता है।  इसका गणित इस प्रकार से काम 

करता है की अगर आप प्रतिदिन एक फीसदी भी पहले से 

बेहतर होते है तो पूरे एक वर्ष में 37 गुना बेहतर बन सकते 

है। भले ही छोटी जीत से शुरुवात हो या छोटी हार से, यह 

एकत्र होकर कई गुना हो जाती है। आदतें आत्मसुधार का 

चक्रवृद्धि ब्याज होती है।  जिस प्रकार से धन  चक्रवृद्धि 

में कई गुना बढ़ता है, उसी प्रकार से आपकी आदतों का 

प्रभाव बार बार दोहराने पर बढ़ता जाता है। भले ही किसी 

दिन मामूली बदलाव के रूप में दिखती हो, लेकिन कई 

महीनो और वर्षो में इनका प्रभाव जबरदस्त हो सकता है। 

जब आप दो, पांच या कदाचित दस वर्ष बाद पीछे की ओर 

देखते है तो आपको स्पष्ट नजर आता है की अच्छी आदतों 

का मूल्य क्या है और बुरी आदतों के लिए क्या कीमत 

चुकानी होती है।


अमेरिकजे लेखक, जेम्स क्लियर


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