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उदासी दूर करने के लिए कोई पास होना चाहिए।






सफल लोगो के आदर्श वाक्यों से तो पन्ने भरे पड़े है। कई 

पुस्तकें इसी बात के लिए लिखी गई की  सफल लोगो से 

सीखे की सफल कैसे होते है। लेकिन, कामयाब लोगो के 

जीवन का नकारात्मक पक्ष भी हमारी जानकारी में होना 

चाहिए। जिस नेपोलियन ने 90 प्रतिशत दुनिया जीत ली 

थी, उसी ने  कहा था मैंने अपने  जीवन में सात दिन भी  

सुख के नही देखे।  औरंगजेब ने चार  दशक तक राज 

किया था हिंदुस्तान पर, लेकिन आखरी व्यक्त किन हालात 

से गुजरना पड़ा, सब जानते है। देश में सबसे लंबे प्रधानमंत्री 

रहने वाले नेहरू जी भी अंतिम समय में हो गए थे। माओ, 

चर्चित ये जितने महान और सफल लोग हुए, लगभग सभी 

कही न कही उदासी से ग्रसित रहे। तो सफल व्यक्ति के 

जीवन के उदास पक्ष पर भी नजर डालिए।

रामजी उदास हुए तब उनकी उदासी लक्ष्मण और हनुमानजी 

ने दूर की, कृष्ण जी को उपमन्यु व आगिरस ऋषि ने उदासी 

से निकाला था। उदासी घेरती सबको है। 

तो जब भी आप उदास हो, उसे दूर करने के लिए हमारे आस 

पास कोई व्यक्ति जरूर होना चाहिए। सफलता की यात्रा में 

जब जीत हमारे हिस्से में आती है तो कई हारते भी होंगे, 

और उन हारे हुए की हार खामोश नही बैठती है। वह किसी 

न किसी रूप में पलट कर आती है। अशांति, बैचेनी,उदासी 

दूसरे हम पर फेंकते है और फेकते रहेंगे। इसे किस तरह से 

सामना करना है वो हम पर है।

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