अपनी कल्पना उस रूप में करे, जैसे आप बनना चाहते है।
पूछा गया की वह कारगी हॉल तक कैसे पहुंचा। संगीतकार ने
तुरंत जवाब दिया अभ्यास सिर्फ अभ्यास।
वास्तव में अभ्यास किसी भी योग्यता में माहिर होने की कुंजी
है। सौभाग्य से आपका मस्तिष्क मांसपेशियों को तरह होता
है। उसका आप जितना इस्तेमाल करेंगे, उतना ही ताकतवर
और सक्षम बनत चला जाता है। अभ्यास करके आप कोई भी
व्याहार सिख सकते है या वैसी आदत डाल सकते है। जिसे
आप वांछित समझते है। एकाग्रता की आदत डालने के लिए
आपको तीन मुख्य गुणों की जरूरत होती है।
निर्णय
अनुशासन
संकल्प
पहला, काम पूरा करने की आदत डालने का पूर्ण फैसला
करे,
दूसरा, जो सिद्धांत सीखने जा रहे है, उनका बार बार
अभ्यास करने के लिए खुद को तब तक अनुशासित करे,
जब तक की वह स्वचालित न बन जाए।
तीसरा, आप जो भी करते है, उसमे संकल्प का पुल डाले,
जब तक की यह आपके व्यक्तित्व का स्थायी हिस्सा न बन
जाए। एक तरीका अपनाकर आप कार्यकुशल बनने की
दिशा में तरक्की कर सकते है।
एकाग्रचित बनने के लाभो के बारे में लगातार सोचते रहे।
अपने बारे में यह धारणा रखे की आप अपने महत्वपूर्ण काम
तुरंत और बहुत अच्छे से पूरे करते है।
अपने बारे में आप जो भी मानसिक चित्र बनाते है, उसका
आपके व्यवहार पर बहुत असर पड़ता है।
प्रेरक वाक्ता ब्रायन ट्रेसी
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